आवेश तिवारी
सुनो मायावती ,ये तुम्हारा यूपी हैं जहाँ औरत रोती है या मरती है
सरोज की माँ मेरे पैरों को जकड कर पूछती है कि "का गलती रहल हमरे बिटिया क "?उसका पति उसे पीछे खींच लेता है हटो ये पुलिस वाले नहीं हैं ,और अगले ही पल वो गिर कर बेहोश हो जाती है हाँ मै उत्तर प्रदेश की दलित मुख्यमंत्री मायावती की चाकरी करने वाला पुलिस वाला भी नहीं हूँ ,एक अखबार वाला हूँ जिसके पास न तो कोई नंबर वन कहे जाने वाला अखबार है न ही सबसे तेज चलने वाला कोई चैनल सरोज की अस्मत न लुट पाए तो उसका गला घोंट कर मार डाला ,वो अपने स्कूल में माँ सरस्वती को सजाने के लिए फूल माला लेने गयी थी .जहाँ उसकी लाश पड़ी है वहीँ इर्द गिर्द रंग बिरंगे फूल और चमकीले कपडे पड़े हुए हैं ,अकाल मौत के लिए जाना जाने वाले उत्तर प्रदेश के आदिवासी बहुल सोनभद्र जनपद के सिंधिवा डामर गाँव में घटी ये घटना ,प्रदेश की सत्ता के चेहरे पर पुती उस कालिख को और भी सुर्ख करती है जो पिछले एक सप्ताह के दौरान अलग अलग जगहों पर घटी बलात्कार की एक दर्जन लौमहर्षक घटनाओं के बाद नजर आने लगी है शर्मनाक ये कि सोनभद्र में आदिवासी उत्पीडन की वारदात जहाँ लगातार बढती जा रही है ,पुलिस अधीक्षक और जिला अधिकारी सड़कों के साथ साथ अपने उन चेहरों पर रंग रोगन करने में जुटे हैं जो उन्हें कल मुख्यमंत्री के सोनभद्र आगमन के दौरान दिखाना है
सोनभद्र के दुद्धी कोतवाली के ग्राम पंचायत बघाडू के सिंधिया डामर गाँव में मंगलवार को बसंत की धूप पीली न होकर काली थी आदिवासी बालिका विद्यालय में ११ वी की छात्र सरोज (१५) की लाश एक प्राथमिक विद्यालय के पास एक झाडी में मिली ,शव के गले में मृतका के पैजामे का नाडा था ,गाँव वालों ने जब सबेरे १० शव को देखा को तो सबके होंश उड़ गए घर वालों ने बताया कि सरोज अपने दादा के घर रहकर पढाई कर रही थी ,सोमवार को वो हमेशा की तरह स्कूल जाने के लिए निकली ,चूँकि स्कूल में पूजा की सारी तैयारियां उसे ही करनी थी तो वो अपने साथ कुछ कपडे वगैरह भी लेकर गयी थी स्कूल से वो अपनी सहेली कल्पना के साथ पूजा का और समान लेने बस से कुछ ही किलोमाटर दूर दुद्धी के लिए रवाना हो गयी ,दुद्धी पहुँचने पर उसने अपनी सहेली को बाजार में समान लेने को कहा और खुद अपने पिता के घर फूल -माला लेने चली गयी ,मगर न तो वो पिता के घर पहुंची और न ही वापस अपने दादा के घर ,सरोज के पिता ये सोच कर शांत बैठे रहे कि वो दादा के घर है वही दादा ये सोचते रहे कि वो पिता के घर गयी होगी
सरोज की हत्या के बाद पुलिसिया कार्यवाही और भी चौका देने वाली रही पुलिस ने हत्या के आरोप में गाँव के ही पनिका बिरादरी के दो युवकों और सरोज की सहेली कल्पना को गिरफ्तार कर लिया है पुलिस का कहना है कि विश्वनाथ नाम के एक युवक का सरोज के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था सरोज इस युवक से शादी करना चाहती थी वही युवक कल्पना को भी चाहता था जो गाँव के रिश्ते में सरोज की बुआ लगती थी ,उस युवक ने कल्पना से शादी करने के लिए सरोज को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया और अपने एक साथी और कल्पना के साथ घटना को अंजाम दे दिया पुलिस इस बात से भी इनकार कर रही थी कि बलात्कार की कोई कोशिश की गयी जबकि सरोज का नग्न शव पूरी घटना की सच्चाई बयां कर रहा था सोनभद्र में आदिवासियों के खिलाफ होने वाले अपराधों में शत प्रतिशत न्याय की गुंजाइश नहीं के बराबर होती है
सरोज की माँ मेरे पैरों को जकड कर पूछती है कि "का गलती रहल हमरे बिटिया क "?उसका पति उसे पीछे खींच लेता है हटो ये पुलिस वाले नहीं हैं ,और अगले ही पल वो गिर कर बेहोश हो जाती है हाँ मै उत्तर प्रदेश की दलित मुख्यमंत्री मायावती की चाकरी करने वाला पुलिस वाला भी नहीं हूँ ,एक अखबार वाला हूँ जिसके पास न तो कोई नंबर वन कहे जाने वाला अखबार है न ही सबसे तेज चलने वाला कोई चैनल सरोज की अस्मत न लुट पाए तो उसका गला घोंट कर मार डाला ,वो अपने स्कूल में माँ सरस्वती को सजाने के लिए फूल माला लेने गयी थी .जहाँ उसकी लाश पड़ी है वहीँ इर्द गिर्द रंग बिरंगे फूल और चमकीले कपडे पड़े हुए हैं ,अकाल मौत के लिए जाना जाने वाले उत्तर प्रदेश के आदिवासी बहुल सोनभद्र जनपद के सिंधिवा डामर गाँव में घटी ये घटना ,प्रदेश की सत्ता के चेहरे पर पुती उस कालिख को और भी सुर्ख करती है जो पिछले एक सप्ताह के दौरान अलग अलग जगहों पर घटी बलात्कार की एक दर्जन लौमहर्षक घटनाओं के बाद नजर आने लगी है शर्मनाक ये कि सोनभद्र में आदिवासी उत्पीडन की वारदात जहाँ लगातार बढती जा रही है ,पुलिस अधीक्षक और जिला अधिकारी सड़कों के साथ साथ अपने उन चेहरों पर रंग रोगन करने में जुटे हैं जो उन्हें कल मुख्यमंत्री के सोनभद्र आगमन के दौरान दिखाना है
सोनभद्र के दुद्धी कोतवाली के ग्राम पंचायत बघाडू के सिंधिया डामर गाँव में मंगलवार को बसंत की धूप पीली न होकर काली थी आदिवासी बालिका विद्यालय में ११ वी की छात्र सरोज (१५) की लाश एक प्राथमिक विद्यालय के पास एक झाडी में मिली ,शव के गले में मृतका के पैजामे का नाडा था ,गाँव वालों ने जब सबेरे १० शव को देखा को तो सबके होंश उड़ गए घर वालों ने बताया कि सरोज अपने दादा के घर रहकर पढाई कर रही थी ,सोमवार को वो हमेशा की तरह स्कूल जाने के लिए निकली ,चूँकि स्कूल में पूजा की सारी तैयारियां उसे ही करनी थी तो वो अपने साथ कुछ कपडे वगैरह भी लेकर गयी थी स्कूल से वो अपनी सहेली कल्पना के साथ पूजा का और समान लेने बस से कुछ ही किलोमाटर दूर दुद्धी के लिए रवाना हो गयी ,दुद्धी पहुँचने पर उसने अपनी सहेली को बाजार में समान लेने को कहा और खुद अपने पिता के घर फूल -माला लेने चली गयी ,मगर न तो वो पिता के घर पहुंची और न ही वापस अपने दादा के घर ,सरोज के पिता ये सोच कर शांत बैठे रहे कि वो दादा के घर है वही दादा ये सोचते रहे कि वो पिता के घर गयी होगी
सरोज की हत्या के बाद पुलिसिया कार्यवाही और भी चौका देने वाली रही पुलिस ने हत्या के आरोप में गाँव के ही पनिका बिरादरी के दो युवकों और सरोज की सहेली कल्पना को गिरफ्तार कर लिया है पुलिस का कहना है कि विश्वनाथ नाम के एक युवक का सरोज के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था सरोज इस युवक से शादी करना चाहती थी वही युवक कल्पना को भी चाहता था जो गाँव के रिश्ते में सरोज की बुआ लगती थी ,उस युवक ने कल्पना से शादी करने के लिए सरोज को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया और अपने एक साथी और कल्पना के साथ घटना को अंजाम दे दिया पुलिस इस बात से भी इनकार कर रही थी कि बलात्कार की कोई कोशिश की गयी जबकि सरोज का नग्न शव पूरी घटना की सच्चाई बयां कर रहा था सोनभद्र में आदिवासियों के खिलाफ होने वाले अपराधों में शत प्रतिशत न्याय की गुंजाइश नहीं के बराबर होती है
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