[इंडिया टीवी के कार्यक्रम आप की अदालत में रजत शर्मा ने हाल ही में नरेन्द्र मोदी पर 'मुकदमा' चलाया। जज साहब पुष्पेष पंत ने उन्हें बरी किया। पास किया। मैंने वो इंटरव्यू बाद में यू-ट्यूब पर देखा तो देखते समय कुछ नोट्स भी लिए। मैं अगर जज होता तो मोदी को बरी करने के बजाय जेल भेजता। एक झूठ हो तो बरी हो सकते थे वो, लेकिन पूरे इंटरव्यू में झूठ-दर-झूठ बोलते रहे और स्टूडियो में दर्शकों के रूप में बैठे बीजेपी कार्यकर्ता मोदी के पक्ष में नारे लगाते रहे। कई बातें नोट करना भूल गया। फ़िलहाल 14 प्वाइंट्स हैं। आप भी ज़रा ग़ौर फ़रमाइए। : दिलीप ख़ान]
1. इस देश के सवा सौ
करोड़ देशवासी देशभक्त हैं। किसी की देशभक्ति किसी से नीचे नहीं होती, किसी से ऊपर नहीं होती। इसलिए न मैं किसी की देशभक्ति पर शक करता हूं और न
ही मैं कोई महान देशभक्त होने का दावा करता हूं।
[तथ्य- मोदी हर
बात पर देशभक्ति का सर्टिफिकेट बांटते हैं। संघी लाइन से ज़रा सा हटने पर
पाकिस्तानी और देशद्रोही कहने में 2 मिनट की देर नहीं करते। अभी हाल ही में 26
मार्च को केजरीवाल को पाकिस्तानी
एजेंट कहा था।]
2. मैं देश की ये जो
क्रिएटिव जेनरेशन हैं उनका अभिनंदन करता हूं और मैं मानता हूं कि अगर ये सोशल
मीडिया न होता तो देश की क्रिएटिविटी का, देश की आवाज़ का
पता ही नहीं चलता। (10.51)
[सोशल मीडिया पर लाखों लोगों को चुनाव तक रोज़गार दिए
हुए हो महोदय। फ़ायदे का सौदा है सोशल मीडिया आपके लिए। ग़ाज़ियाबाद में आपकी रैली
के बाहर लैपटॉप पर बीजेपी वाले गेम नहीं खेल रहे थे। ट्विटर-ट्विटर और
फ़ेसबुक-फ़ेसबुक खेलकर आपको महान बता रहे थे।]
3. 2002 में गुजरात का
चुनाव हुआ कांग्रेस के मित्र यही कहते थे, 2007 में गुजरात
का चुनाव हुआ कांग्रेस के मित्र यही कहते थे..2012 में गुजरात का चुनाव हुआ
कांग्रेस के मित्र यही कहते थे, और गुब्बारा उनका फूट
गया..देश जानता है।
[सवाल 2004 और
2009 के लोक सभा चुनाव पर पूछा गया और मोदी ने जवाब में गुजरात को ला पटका। आप
गुजरात में ही जमे रहिए। आपसे नहीं हो पाएगा।]
4. मेरी जिंदगी का उसूल
है और मैं आज आपकी अदालत के माध्यम से ये ज़रूर कहना चाहूंगा मै वो इनसान हूं
जिसने इस मिनट तक कभी कुछ बनने का सपना नहीं देखा...और मैं भी नौजवानों को कहता
हूं कि कभी भी बनने के सपने मत देखो...अगर सपना देखना है तो कुछ करने का देखो।
(18.41)
[कितने झूठ बोलते हो मोदी साहब! जहां जाते हो, वहीं बचपन के सपने को लेकर बोलने
लग जाते हो। SRCC पहुंचे तो
टीचर बनने की बात कही। रेवाड़ी पहुंचे तो बोले कि बचपन से फ़ौज में जाने का सपना
था। आपकी अदालत तक पहुंचते-पहुंचते ये सब सपने ग़ायब हो गए?? रजत शर्मा इतने डरावने तो नहीं हैं।]
5. जिसने कहा है वो
ग़लत कहा है, कौन है वो कहने वाला? मैं कभी न ऐसा सोच सकता हूं न कभी बोल सकता हूं। 27.20
[मतलब कुत्ते
का पिल्ला मोदी ने नहीं कहा था। नारद मुनि ने आकाशवाणी की थी और वही स्वर तब से
लेकर अब तक गूंज रहा है। शायद मोदी की आवाज़ और आकाशवाणी में काफी समानता है।]
6. इंटरव्यू लेने वाला
एक फॉरेनर भी मेरी संवेदना को समझ पाया..लेकिन जो न्यूज़ ट्रेडर्स है..मैं मीडिया
की बात नहीं कर रहा हूं। मीडिया तो बहुत अच्छा है। मीडिया की ताकत बहुत महत्वपूर्ण
है। इसलिए मीडिया के खिलाफ कुछ नहीं कहना है , लेकिन जो
न्यूज ट्रेडर्स है इस न्यूज ट्रेडर्स के लिए माल बेचने के काम आता है। (29.30)
[मीडिया बहुत अच्छा है ये तो आज-कल हर बीजेपी वाला कह
रहा है। लेकिन, ज़रा ये तो बताइए कि ये न्यूज़ ट्रेडर्स कौन हैं? हम तो मीडिया को ही न्यूज़
ट्रेडर्स समझते हैं। माने, न्यूज़ का धंधा मीडिया के अलावा भी कोई करता है क्या?]
7. आज गुजरात ने जो
तरक्की की है उसका मूल कारण है गुजरात की शांति, गुजरात की एकता
गुजरात का भाईचारा, सद्भावना। वही हमारी सबसे बड़ी
पूंजी है।
[ये शायद बड़ा वाला जोक है। रजनीकांत से मिलकर आपने
अच्छा किया।]
8. हमारे यहां
संप्रदायवाद नहीं चल सकता है। हम धार्मिक हो सकते हैं सांप्रदायिक जुनून हमारे देश
में कतई नहीं चल सकता है। और इसलिए भारतीय जनता पार्टी का ये मोटो रहा है..सर्व
पंथ समभाव। सभी पंथों के प्रति समभाव होनी चाहिए। (36.00)
[और इसलिए
हिंदूराष्ट्र की चाहत रखने वाला आरएसएस आपकी मदर कंपनी है।]
9. मैंने उनसे (मुलायम
सिंह से) कहा था कि गुजरात बनाने के लिए 56 इंच का सीना लगता है। गुजरात बनाने का
मतलब होता है 24 घंटे 365 दिन बिजली। गुजरात बनाने का मतलब होता है अधिकतम घरों
में नल से पीने का पानी। गुजरात बनाने का मतलब होत है 99 प्रतिशत गांवों में पक्की
सड़क। (40.20)
[दांग और
पंचमहाल तो शायद अफ़गानिस्तान में है फिर। और सौराष्ट्र से लेकर कच्छ तक जो हर साल
पानी के लिए कोहराम
मचता है उस वक्त शायद वो कश्मीर के अधीन होते हैं।]
10. मेरे मुख्यमंत्री
बनने से पहले शाम के नास्ते के वक्त 2 घंटे भी बिजली नहीं आती थी। आज 24 घंटे 365
दिन बिजली मिलती है। 42.15
[अतिशयोक्ति
में सुनना हमें अच्छा लगता है। फीलगुड होता है। सुनाते रहिए। दिल्ली के जिन मोहल्लों
में बिजली कटती है वो शायद अब गुजरात शिफ़्ट कर जाए।]
11. ये नहीं है कि उनके
(जसवंत सिंह के) प्रति नकारात्मक भाव था। देखिए भाजपा में लाखों कार्यकर्ता हैं अब
टिकट तो 500 लोगों को मिलने वाला है। अब थोड़ा बहुत नाराजगी की संभावना तो हर जगह
बनी रहती है। 56.30
[जसवंत सिंह ‘कार्यकर्ता’ है। मुरली मनोहर
कार्यकर्ता हैं। आडवाणी कार्यकर्ता हैं। मोदी प्रधानमंत्री हैं। यही बात तो मोदी
बताना चाहते हैं। लेकिन फिर कहते हैं कि वो कुछ बनना नहीं चाहते। आयो दाद्दा, क्या
होगा?]
12. ये जो दिन-रात वो
(राहुल गांधी) कहते रहते हैं कि हमने ये कानून दिया, वो कानून दिया। ज़रा
ये तो जवाब दो कि आपका कानून कश्मीर में लागू होता है क्या। क्या आरटीआई कानून
कश्मीर में लागू हुआ है। एंटी करप्शन कानून कश्मीर में
लागू हुआ क्या,, राइट टू एजुकेशन कश्मीर में लागू हुआ
क्या..ज़रा पहले अपने गरीबान (गिरेबान) में भी झांक ले।
[कश्मीर और
गुजरात के बीच के फ़र्क को नहीं जानते हो मोदी बाबू, तुम क्या प्रधानमंत्री बनोगे? धारा 370 तो आपका फेवरेट है। फिर भी चूक क्यों हो
जाती है? चूक करते
रहने से जितने हो, वो भी चुक जाएगा।]
13. फ़ौज़ में सब
हिंदुस्तानी होते हैं यहां हिंदू और मुसलमान की गिनती नहीं होगी। मना कर दिया। ये
सौभाग्य है। डिविसिव पॉलिटिक्स कर रही है कांग्रेस। (23.20)
[फ़ौज में मुसलमानों की संख्या जानना डिविसिव
पॉलिटिक्स कैसे हो गई? सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में सरकारी नौकरियों में
मुसलमानों की कमज़ोर हिस्सेदारी को लेकर चिंता जताई गई थी। देश के हर महकमें में
मुसलमानों-दलितों-आदिवासियों और पिछड़ों की संख्या जानना डिविसिव नहीं है। कोई भी
पार्टी अगर ये संख्या जानने की कोशिश करती है तो उसका स्वागत होना चाहिए।]
14. उनको (मनमोहन सिंह)
ये भी याद रहना चाहिए था कि 2002 के सितंबर में अक्षरधाम पर हमला हुआ। मंदिर के
अंदर दसको लोग मारे गए..लेकिन गुजरात पूर्ण शांत रहा। उनको ये भी पता होना चाहिए
कि गुजरात में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे, काफी लोग मारे गए
थे. अस्पताल में लोग मारे गए थे..उसके बाद भी गुजरात शांत रहा। जहां गुजरात में
क्रिकेट के मैच पर दंगे होते थे..जहां गुजरात में पतंग चलाने में दंगे होते थे..वो
गुजरात आज 12 साल हो गए..कर्फ्यू किस चीज़ को कहते हैं वहां के बच्चों को मालूम
नहीं। (32.00)
[मरघट में शांति रहती है।]
मोदी की बातों पर आपकी सारी टीकाएं आपके पुराने पूर्वाग्रहों से भरी पड़ी हैं। जब दिमाग में इतना कूड़ा हो तो किसी की सीधी-सादी बातें भी कैसे समझ में आएंगी? गुजरात के बारे में 2002 के पहले से ही कांग्रेसी सत्ताधारी और उनके जरखरीद मीडिया के लोग केवल झूठ फैला रहे हैं। कुछ दिन झूठ फैलाते-फैलाते उनको वह झूठ ही सच लगने लगता है। यह एक दिमागी बीमारी है जिसके कीटाणु अपने को ‘सेक्युलर’ मानने वाले लोगों के मस्तिष्क में में घर कर गये हैं।
जवाब देंहटाएंअगर गुजरात के बारे में सचमुच तथ्य जानना हो तो मधुपूर्णिमा किश्वर की लिखी हुई ‘मोदी मीडिया और मुस्लिम्स’ पढ़ें, आपकी प्रत्यक्ष (सुनी सुनाई नहीं) जानकारी उसके प्रतिकूल हो तो उसकी समीक्षा भी लिखें। किश्वर ने वर्ष भर तक गुजरात के गाँवों में, आदिवासी बस्तियों में, और मुसलमान लोगों की बस्तियों में जा-जा कर लोगों से बातचीत कर उसके आधार पर प्रामाणिक बातें लिखी हैं। किसी अन्य मीडियाकर्मी ने या मोदी विरोधी प्रचारक ने आज तक यह काम नहीं किया।
किश्वर भी पहले सेक्युलर लोगों की हाँ में हाँ मिलाती थी। मोदी के विरोध में निकाले गये बयानों पर हस्ताक्षर किया करती थी। जब वह खुद जाकर के गुजरात के गाँव-गाँव घूमी तब उनको असलियत मालूम हुई। यदि आप उनका खण्डन कर सकते हों तो किसी प्रामाणिकता के साथ, प्रमाण देते हुए खण्डन करें। प्रमाण देते हुए मोदी पर आरोप लगायें। अभी तक तो आपका का कुनबा कांग्रेस द्वारा 2001 से ही फैलाये जा रहे प्रचार को तमाम ब्लागों, ट्वीटर, ईमेल और अन्य इण्टरनेट के माध्यमों नीचे अपना नाम डालकर प्रसारित करता रहता है। क्या मीडिया ने यही धर्म अपना लिया है।
कमलेश
ये हुज़ूर तो भारत के सर्वोच्च न्यायालय से भी उपर हो गये ! कौन रहेगा और कौन चुकेगा, ये भी जल्दी ही पता चल जाएगा.......
जवाब देंहटाएंदिक्कत क्या हो गयी है... की इस देश के कुछ मूर्ख लोग ग़रीबी मे रहने को तैयार है, अनपढ़ रहने को तैयार है, पर बस मोदी की सरकार का बन जाए..... कॉंग्रेस एवं अन्य छद्म धर्म निरपेक्ष दल ऐसी ही लोगो पूर आँख गड़ाए बैठे है......
मनोज कौशिक
पूर्वाग्रहों से भरी हुई कैसे हैं? इसमें तो मोदी के जवाबों पर टीका की गई है। तथ्य हैं। चेक कर लीजिए। ज़रा सी मेहनत नहीं करना चाहते हैं क्या? और कमलेश शुक्ला, ज़रा मनोज मिट्टा की किताब भी पढ़ लेना।
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