10 दिसंबर 2007

मानवाधिकार दिवस गोष्टीयों में और मानवाधिकार कार्यकर्ता जेल में


आज मानवाधिकार दिवस है और छत्तीसगढ़ में मानवाधिकारों की रक्षा करने वाले आदिवासियों के हक हुकूक की लड़ाई लड़ने वाले डा बिनायक सेन जेल में है - संयोग यह भी है कि आज सुप्रीम कोर्त में उनके बेल को लेकर सुनवाई भी है
नक्सल समर्थन के आरोप में गिरफ्तार, पेशे से बाल चिकित्‍सक डा. बिनायक पी यू सी एल से जुड़े रहे हैं। उनकी पत्‍नी इलीना सेन ने आज अखबार में लिखा कि डा. बिनायक पर नक्‍सलियों को समर्थन देने का आरोप है- उनके बच्‍चे की ट्रिग्‍नोमैट्री की कापी को सबूत के तौर पर पेश किया गया है। डा. जीलानी पर संसद पर आतंकवादी हमले का आरोप था और इसी किस्‍म के ‘प्रमाण’ जुटाए गए थे- जो कोर्ट में धराशाही हो गए- खुन्‍नस में जीलानी पर हमला किया गया और स्‍पेशल सेल के खिलाफ कोई प्रमाण नहीं मिला (संयोग से उसी स्‍पेशल सेल में अपना एक पुराना सहपाठी भी था- उसने क्‍या बताया ये नहीं बताउंगा पर ये मान लीजिए कि सब ठीक तो नहीं ही था)। अब जाहिर है कोई ‘मसिजीवी की आत्‍मा’ बनकर कहेगा कि देश की पुलिस के खिलाफ लिखना जयचंदी काम है पर क्‍या करें हमें लगता है कि यही राष्‍ट्रभक्ति है- देश की संसद पर हमला हो और आप इस-उस को पकड़कर दोषी सिद्ध करने में ताकत झोंको, जिसका मतलब है कि दोषी आतंकवादी अगला हमला करने के लिए अभी भी बाहर मजे में घूम रहे हैं- दूसरी ओर किसी विचारधारा से भयंकर तौर पर भयभीत होकर आप एक डाक्‍टर को जेल में ठूंसो क्‍योंकि आप उससे सहमत नहीं हैं।

डा. बिनायक के विषय में हमें नहीं पता कि वे कितने नक्‍सली हैं जैसे कि अफजल व जीलानी के विषय में नहीं पता था कि वे कितने बड़े आतंकवादी थे – किंतु एक बात सहजता से पता लग रही है- राज्‍य अपनी वैधता बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है और हॉं उसी व्‍यकितगत अनुभव से ये भी जानते हैं कि जीलानी को राज्‍य के दमन के विरुद्ध प्रतीक बनाने में सरकार की वही भूमिका है जो बजार1 जैसे बदमजा चिट्ठे को असहमति की अभिव्‍यक्ति का प्रतीक बना देने में नारद की थी।

जिस तरह कश्‍मीरी अलगाववाद से हम असहमत है, राहुल की भाषा को अनावश्‍यक रूप से बदमजा मानते हैं तथा अधिकतर समय हमने नए नए मार्क्‍सवादी रंगरूटों से उनके विचारों से गहरी असहमति जाहिर करते हुए गुजारा है- अब भी उस विचारधारा से अपना असहमति का ही रिश्‍ता है पर पुलिस स्‍टेट कायम करने के खिलाफ लोकतंत्र के पक्ष में हम राहुल, जीलानी और बिनायक के पक्ष में खड़े हैं। मसीजीवी सेः-

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