08 सितंबर 2017

ये जो भक्त हैं ये उनका ही वक्त है

चन्द्रिका

(द वायर हिंदी में प्रकाशित)
गौरी लंकेश की हत्या को वे जायज ठहरा रहे हैं
वे उनकी हत्या का जश्न मना रहे हैंहत्यारों को बधाई तक दे रहे हैंउन्हें यह ठीक लग रहा है कि उनसे असहमत एक आवाज़ को किसी ने चुप करा दियाउन्हें यह जायज लग रहा कि किसी ने उस आवाज़ की हत्या कर दी जो उनकी जुबान नहीं बोल रही थीउनकी बातों में हत्या करने वालों को हौसला देना शामिल हैहत्या और नफरत को उकसाना शामिल हैयह सब देखकर ऐसा लगता है कि वे बहुतायत में हैं जो ऐसी हत्या किए जाने की मंशा रखते हैंपिछले कुछ बरसों में जैसे बहुत से हत्यारे तैयार हुए हैंसब अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे हैंऊपर बैठकर चुप रहकर वह अपनी भूमिका निभा रहा हैकुछ हत्या को जायज ठहराने की भूमिका में हैंकुछ हत्या कर रहे हैं और कुछ हत्यारों को बधाईयां दे रहे हैंउन्होंने एक पूरी संरचना बना ली हैअलग-अलग तरह की भक्ति और उन्माद ने अब उन्हें यहां ला खड़ा किया है कि वे अपराधी से बन गए हैंऐसे अपराधी जिनके हाथों में हथियार भले ही न होउनके ज़ेहन अपराध से भरे हुए हैंयहां किसी भी तरह की नैतिकता भुरभुरी सी हो गई हैयह ख़तरनाक है और दुख़द भीयह उनकी राजनीति के लिए भी ख़तरनाक है जिन्होंने उन्हें उभारा है और जो लगातार उन्हें उभार रहे हैंवे जो समाज बना रहे हैं उसके भीतर से वह चीज ख़त्म की जा रही है जो इंसान के भीतर बची रहनी चाहिए थीइंसान और इंसानियत के बाद ही हम किसी भी राजनीति की कल्पना कर सकते हैं

जिनके विचार अपराध से भर गए हैं उन्हें भी हत्या के बाद चुप हो जाना चाहिए थाउन्हें कुछ नही बोलना चाहिए थाकिसी की हत्या पर उन्हें दुख न भी हो तो भीशायद उन्हें उस चीज को बचा लेना चाहिए था जिसकी जरूरत हमे और उन्हें भी हैऔर वह जरूरत हमेशा बनी रहेगीवे उस इंसानियत को बचा लेतेउस मानवता को बचा लेते जो किसी भी पार्टी से पुरानी हैजो किसी भी संगठन की भक्ति से पुरानी हैजो किसी राजनीति से भी पुरानी हैजो उनकी देशभक्ति से बहुत ही पुरानी हैउन्हें उसे बचाने के लिए चुप होना चाहिए थापर वे चुप नहीं हुएवे हत्या के पक्ष में दलीलें देने लगेवे हत्यारों को बधाईयां देने लगेउन्होंने गौरी लंकेश की हत्या को सिर्फ जायज नहीं ठहरायावे हत्या के बाद ठंडी पड़ चुकी उस लाश को गालियां देने लगेजैसे वे उस पर और गोलियां चलाना चाहते होंवे कितनी हद तक नफरत करने वाले लोग हैंयह हत्या के बाद फैलाई जा रही उनकी बातों में देखा जा सकता हैजैसे वे एक हत्या के बाद और हत्याओं के लिए खुद को तैयार कर रहे होंअपने भीतर और उन्माद भर रहे होंऔर असहमति की सारी हत्याओं को जायज ठहराने का रास्ता बना रहे होंजैसे उनकी गोलियां और चलना चाहती होंवे और बींधना चाहते हों उस लाश को और उस लाश के आसपास कोवे उन सबको ख़त्म करना चाहते हों जो इस तरह की हत्याओं के खिलाफ हैंजो उनसे असहमत हैंउनके भीतर की नफरत उन तीन गोलियों से ख़त्म नहीं हुई हो जैसेउनके हाथ और भी आतुर से लग रहेऐसा उनकी जुबान कह रही हैजो हत्या के पक्ष में अलग-अलग तरह से लिख रहे हैंवे गौरी लंकेश को इसाई बता रहे हैंउन्हें दफनाए जाने को लेकर तरह-तरह का झूठ फैला रहे हैंवे दशहरे के पहले लंकेश की हत्या बता कर इसका जश्न मना रहे हैंवे और भी बहुत कुछ कह रहे हैंवे सब इस हत्या के साझीदार से बनने को तैयार हैंउसे जायज ठहराने की बिनाह परवे उस विचार की पैरोकारी निबाह रहे हैंजहां उनसे कोई असहमत न हो.  
उन्हें यह साहस कहां से मिल रहा हैवह कौन सी राजनैतिक भक्ति है जो उन्हें यह ताकत दे रही हैशायद पुरानी हत्याओं पर न होने वाले इंसाफ उन्हें उत्साह दे रहे हैंकलबुर्गीदाभोलकर और पंसारे का हत्यारा अभी तक कोई नही हैक्योंकि किसी को अभी तक कोई सज़ा नहीं मिली हैकिसी को पकड़ा नहीं गया हैउन्हें अभी तक खोजा भी नहीं गया हैवर्तमान सत्ता की नाकामी या नाचाही ने ही उन्हें यह साहस दिया हुआ हैसत्ता के संस्थानों ने हत्यारों को न खोज पाने की नाकामी से उन्हें मोहलत दी हुई हैयह मोहलत ही उन्हें और हत्याओं का साहस दे रही है.
जरूरी नहीं कि वह कोई एक इंसान हो जिसने इन सारी हत्याओं को अंज़ाम दियायह भी जरूरी नहीं कि ये सारे लोग किसी एक संगठन के होंपर ये ऐसे सभी विचारों के हत्यारे हैं जो उनके विचारों से मेल नहीं खातेइस लिहाज से ये एक विचार के लोग हैंसब के सब हत्याएं नहीं कर सकतेहत्या का जश्न मना सकते हैंये हत्यारों के लिए ताकत की तरह हैंउन्हें हत्या करने के विचार यहीं से मिल रहे हैंजहां एक देश में एक विचार ही सर्वश्रेष्ठ विचार बनाया जा रहायह लोकतंत्र का विचार नहीं हैलोकतंत्र का विचार और ज़्यादा विचारों को जगह देने और फलने-फूलने का विचार हैउन्हें सुन लेने का विचार है जो आपसे असहमत हैंवह कहने का विचार है जिसे आप मानते हैंइसलिए इन हत्याओं को शह देने वाले लोकतंत्र के खिलाफ के लोग हैंवे यह सबकुछ कहते हुएइतने सारे झूठ को फैलाते हुए सिर्फ हत्या को सही बताना चाहते हैं.
वह एक अलग विचार है जो इन सारी हत्याओं से दुखी हैवह ऐसी हर हत्या के फिलाफ आवाज़ उठा रहा हैजबकि हत्यारा पकड़ा जाए इससे पहले एक और हत्या कर दी जा रही हैकिसी की गिरफ्तारी संभव नहीं हो पा रहीक्योंकि इसे पकड़ने और सज़ा देने वाले संस्थानों को इसी विचार के मुखियाओं ने जकड़ रखा हैइसलिए हत्या पर जश्न मनाने वाले ही नहीं बल्कि हमारी सत्ता इन हत्याओं को उकसा रही हैवह हर रोज नए तरह की हत्याएं करवा रही है.    
गौरी लंकेश पर गोलियां किसी एक ने चलाई होंगीगालियां देने वालों की पूरी फौज सी आ गई हैयह वंदेमातरम और तिरंगे की फौज़ हैयह उन भक्तों की फौज हैजो असहमति की एक आवाज़ के चुप करने का जश्न मना रही हैवह देश और लोकतंत्र दोनों को एक संकरी गली में ले जा रही हैवह इससे पहले गौरी लंकेश को नही जानती थीवे जो गालियां दे रहे हैंजो हत्या को जायज ठहरा रहे हैं उनके कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं हैंमतभेद विचारों का ही था कि गौरी भक्त पत्रकार नहीं थीगौरी किसी और विचार को मानती थीयह वक्त ऐसा बना दिया गया हैजहां गैर विचार रखना ही अपराध बनता जा रहा हैयही वह ख़तरा है जो लोकतंत्र को कमजोर कर रहा हैयही वह चीज है जो उससे भी हमारा भरोसा उठा रहा है जो लोकतंत्र और किसी भी तंत्र के पहले की चीज हैइंसानियत के बाद कोई भी तंत्र पैदा हुआ हैफिलवक्त वे सारी चीजें मिटाई जा रही हैंजिसे हमे बचाना थाजिसे हमे समाज में और बढ़ाना थाउनकी राजनैतिक भक्ति इंसानियत तक पर भारी पड़ रही हैये जो भक्त हैं ये उनका ही वक्त हैहमारा वक्त हमे लाना हैहमे उसे बचाना है जो इस भक्ति के पहले की चीज हैजो किसी भी राजनैतिक शक्ति के पहले की चीज है.

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