17 मार्च 2008

कार्टून:-2

कार्टून की समाज में एक भूमिका है| कुछ रेखाचित्र आपको तस्वीर दिखाते है, आपके देश की, आपके समाज कि| बयां करते है सच्चाई की एक छवि, जो भले ही किसी अखबार में कम जगह घेरते हो पर लोगों के दिलो दिमाग में अपनी जगह जरूर बनाते है, उतनी जितनी कोई कविता, जितनी कोई कहानी| महत्मागांधी अंतरराष्टीय हिन्दी विश्वविद्यालय के छात्र ओमप्रकाश कुशवाहा के कुछ कार्टून हम प्रकाशित कर रहे हैं|


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