tag:blogger.com,1999:blog-3857696409871553743.post6972076850393481609..comments2024-03-07T17:45:04.957+05:30Comments on दख़ल की दुनिया: कश्मीर में मीडियाआलोक श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/08498808385035641834noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3857696409871553743.post-53194991693825365462009-08-25T11:05:19.468+05:302009-08-25T11:05:19.468+05:30कश्मीर में सत्य के कई संस्करण होते हैं यह बात उन ल...कश्मीर में सत्य के कई संस्करण होते हैं यह बात उन लोगों के लिए ठीक है जो कश्मीर को केवल मीडिया के माध्यम से जानते हैं. लेकिन कश्मीर में कदम रखते ही कुछ सत्य तो इतने साफ़ होते हैं कि वह हवाओं में तैर रहे होते हैं उन्हें देखने के लिए किसी जीनियस की जरुरत नहीं होती. कश्मीर के लोगों के लिए सत्य बहुत साफ़ ही नहीं है बल्कि वे उनके अस्तित्व को पूरी तरह आच्छादित किये होते हैं. वे सत्य वहां काटों की तरह गडे हैं.अभिषेक मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/16463722461399982407noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3857696409871553743.post-32221284109971407622009-08-24T19:47:40.663+05:302009-08-24T19:47:40.663+05:30शायद यही लेख कथादेश के ताजे अंक में पढ़ा है....पर य...शायद यही लेख कथादेश के ताजे अंक में पढ़ा है....पर यहाँ देखकर ख़ुशी हुईडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.com