tag:blogger.com,1999:blog-3857696409871553743.post6866941815763360980..comments2024-03-07T17:45:04.957+05:30Comments on दख़ल की दुनिया: वरवर राव से बातचीत.आलोक श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/08498808385035641834noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3857696409871553743.post-29905830258624902022013-07-02T14:55:05.140+05:302013-07-02T14:55:05.140+05:30यह साक्षात्कार मेरी जानकारी में भारतीय मीडिया के स...यह साक्षात्कार मेरी जानकारी में भारतीय मीडिया के संक्रमण के रहस्य की परतों को उजागर करनेवाला एक क्रन्तिकारी कवि का ऐतिहासिक वक्तव्य प्रमाणित होगा .सितारे हिंद ने इस साक्षात्कार के लिए बड़ी मशक्कत की है.सितारे के लिए साक्षात्कार की जिम्मेवारी को पूरा कर पाना बहुत कठिन हो रहा था और ऐसे में सितारे ने अपने सहपाठी गोपाल जी और श्रीकांत जी का सहयोग लिया .साक्षात्कार के सवाल तैयार करने,साक्षात्कार पूरा करने और उसे लिपिबद्ध करने में एक हफ्ते की मशक्कत की.मै इन त्रय साक्षात्कारकर्ता युवा शोधार्थिओं के प्रति आभार प्रकट करता हूँ कि इन्होने अपने पाठ्यक्रम से इतर के मुद्दे को तवज्जो दिया .चन्द्रिका जी आपने दखल की दुनिया में इस साक्षात्कार को क्रमवार प्रकाशित करने का फैसला लिया है .यह मेरे लिए सुखद है कि जिन तक बया की पहुँच नहीं है ,उनतक दखल की दुनिया से कोइ नई बात पहली बार पहुँच रही है .मुझे बया के अतिथि संपादक सत्यनारायण जी की सम्पादकीय नैतिकता पर आपत्ति है कि आपने बया के विशेषांक में प्रकाशित हो रहे सबसे महत्वपूर्ण साक्षात्कार को किसी सम्पादकीय टिपण्णी के बिना प्रकाशित किया.दूसरी भयानक गलती संपादक ने यह कर दी कि जिन गोपाल और श्रीकांत जी ने सितारे के नेतृत्व में किसी लोभ लालच के बिना (एक पैसे की भी पारिश्रमिक के शर्त के बिना )साक्षात्कार प्रक्रिया म कड़ी मेहनत की ,उन दो साथिओं का नाम बया में प्रकाशित साक्षात्कार से बाहर कर दिया गया .मैंने चन्द्रिका जी इसीलिए आपसे कहा था कि आप बया से साभार ना दें तो पत्रकारिता की आचारसंहिता का उलंघन नहीं होगा .मेरा अनुरोध है कि पत्रकारिता से जुड़े पत्रकार-संपादक , पत्रकारिता संस्थानों से जुड़े अध्यापक समूह,सचेतन नागरिक और हर तबके के संघर्षशील मेहनतकश आप इस साक्षात्कार को जरुर पढ़ लें. PUSHPRAJnoreply@blogger.com