tag:blogger.com,1999:blog-3857696409871553743.post3647701431019322088..comments2024-03-07T17:45:04.957+05:30Comments on दख़ल की दुनिया: शामिलः-आलोक श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/08498808385035641834noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3857696409871553743.post-84908792742577047072008-03-16T00:13:00.000+05:302008-03-16T00:13:00.000+05:30ache se aapne ek hi jagh par kafi jankariya apne b...ache se aapne ek hi jagh par kafi jankariya apne blog ke madhyam se uplabdh kar di. badiya he. favoirtes me saamil kar raha hoon. sirf apko kholne par hi me tamaam jaghpahoonchjaaunga jahan jaana chahata hoonविजय गौड़https://www.blogger.com/profile/01260101554265134489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3857696409871553743.post-83357310425963775642008-01-28T17:27:00.000+05:302008-01-28T17:27:00.000+05:30शुक्रिया, कविता तो दिल को ढूने वाली है पर उपर भूमि...शुक्रिया, कविता तो दिल को ढूने वाली है पर उपर भूमिका में छत्तिसगढिया लेखकों के प्रति आपके मन में भरे गुबार को लिखकर कविता का मजा किरकिरा कर दिया । आप हमसे प्रायोजित लेखन करना चाहते हैं यह ठीक नहीं । आप मजे से लिखें, करें चिंता हमारे प्रदेश की, यह हमारा सौभाग्य है । हमें जहां लगेगा कुछ लिखना लाजमी है हम अवश्य लिखेंगें । पर ऐसा लिखकर वैमनुष्यता बढाने का कार्य न करें तो ज्यादा अच्छा ।36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3857696409871553743.post-5582110675747160892008-01-28T16:10:00.000+05:302008-01-28T16:10:00.000+05:30ह्म्म, छत्तीसगढ़ के लेखक कम से कम सिर्फ़ एक पक्ष से ...ह्म्म, छत्तीसगढ़ के लेखक कम से कम सिर्फ़ एक पक्ष से सहानुभूति नही दिखा रहे। छत्तीसगढ़ के लेखक यह कहते हैं कि सलवा जुडूगलत है तो यह कहने का भी दम रखते हैं कि नक्सल हिंसा और भी गलत है।<BR/> दिक्कत ऐसे लोगों से ज्यादा है जो खुद तो छत्तीसगढ़ में नही है लेकिन दूर बैठकर गाल बजाए जा रहे होते हैं कि सलावा जुडूम गलत है।<BR/> नक्सल हिंसा मे जो निर्दोष मासूममारे जा रहे हैं उन पर इन गाल बजाने वालों के मुंह क्यों नही खुलते कभी?<BR/><BR/>वैसे आपने जो कविता की भूमिका मे जो लिखा है उससे जाहिर होता है कि जो आपके कहे अनुसार न लिखे या आपके कहे अनुसार सहानुभूति न दर्शाए वह सिरे से गलत ही है, क्या सचमुच ऐसा है।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.com